कभी कभी मुझे, कुछ बात करने का मन होता है
कभी कभी मुझे, कुछ बात करने का मन होता है , वक़्त बेवक़्त बस यूँही, अल्फाज़ पिरोने का मन करता है । यूँ तो दुनिया में बहुत-सी अजीब-सी बातें हैं, और बातों में सिमटी अजीब-सी दुनिया है । कहते हैं दुनिया में कुछ नायाब अजूबे हैं, मैं कहता हूँ, एक नायाब अजूबा हमारी ये दुनिया है । दुनिया में जो भी कुछ अजीब-सी बातें हैं, उन बातों से दुनिया को समेटने का मन होता है । वक़्त बेवक़्त बस यूँही, अल्फाज़ पिरोने का मन करता है ।। कभी कभी मुझे, कुछ बात करने का मन होता है , वक़्त बेवक़्त बस यूँही, अल्फाज़ पिरोने का मन करता है । यूँ तो जहाँ में कई किस्से अधूरे हैं, उन अधूरे किस्सों की अधूरी सी दुनिया है । कहते हैं कोई किस्सा नहीं रहता अधूरा है, जो अधूरा रह जाए, वही तो यादगार किस्सा है । दुनिया में जितने भी अधूरे-से किस्से हैं, सभी को क्यों उन अधूरे किस्सों को पिरोने का मन होता है । वक़्त बेवक़्त बस यूँही, अल्फाज़ पिरोने का मन करता है ।। कभी कभी मुझे, कुछ बात करने का मन होता है , वक़्त बेवक़्त बस यूँही, अल्फाज़ पिरोने का मन करता है । यूँ तो कहने को ...