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Showing posts from February, 2015

कुछ दूर चले थे साथ में, आज दूर हो गए ...
ना जाने कब हम अपनी ज़िंदगी में इतने मशरूफ हो गए ...

कुछ दूर चले थे साथ में, आज दूर हो गए ना जाने कब हम अपनी ज़िंदगी में इतने मशरूफ हो गए हम जब भी साथ होते थे, तभी खूब मस्ती होती थी तब सपने हमारे बहुत मंहगे थे और खुशिया बड़ी सस्ती होती थी गली के उस छोर पर जब, हम सब खड़े हो जाते थे कोई जब घर से दौड़ा ना आये, तो उसका नाम गली से ही चिल्लाते थे जब एक मैच में जीतने वाले की, नए मैच में बैटिंग पहले होती थी वो भी एक वक़्त था जब दोस्तों के लिए हमारे वक़्त की कीमत टेनिस बॉल से भी सस्ती होती थी आज जाने फिर कहाँ चिन्टु के वो बैट बॉल खो गए ईंटों का विकेट तो आज भी वहाँ रखा है बस हम ही दूर हो गए कुछ दूर चले थे साथ में, आज दूर हो गए ना जाने कब हम अपनी ज़िंदगी में इतने मशरूफ हो गए मुझे याद है जब बारिश के पानी की नदीयाँ बहा करती थी  उन नदीयों के पानी में हमारी कश्ती चला करती थी  बारिश से हवा में थोड़ी ठंडक और मौसम घनघोर होता था  बिजली चली जाने से घर में अंदर सन्नाटा, लेकिन गलियों में शोर होता था  जब बारिश रुक जाने पर हम गलियों में भटका करते थे  शक्तिमान के किस्से होते और साइकिल चलाया करते थे  आज जाने क्यों उन गलियो के शहंशाह खो गए 

कभी कभी देर रात एक आहट-सी सुनाई देती है ...
दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है ...

कभी कभी देर रात एक आहट-सी सुनाई देती है दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है जब भी कभी मैं जागता रह जाता हूँ और ये जहां सो जाता है जाने क्यूँ उस वक़्त ये खामोश जहां भी चुपके से बात करने आता है आस पास जब कोई नहीं और हवा में सन्नाटा छाता है तभी जाने कहाँ से सन्नाटे को चीरता हवा का झोंका भी बात करने आता है हवा भी अपने झोंके से कुछ बात धीरे से कहती है दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है कभी कभी देर रात एक आहट-सी सुनाई देती है दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है रात के अँधेरे में दीवारें के नयन भी घूर कर देखा करते हैं और हमने तो बस सुना था ये क़ि दीवारों के भी कान होते हैं दीवारों पर लगी घडी के कांटे भी जोर जोर से टिक टिक करते हैं इसलिए ही शायद लोग कहते हैं की वक़्त के कहां कोई पाँव होते हैं यूँ गुजरते वक़्त की रफ़्तार भी शायद कुछ कहती है दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है कभी कभी देर रात एक आहट-सी सुनाई देती है दूर कही ख़ामोशी में कोई हरकत-सी सुनाई देती है