सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा, पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
मुझे हर वक़्त ये लगता था कि मेरा हर कदम सही होगा
पर अब ये मैंने जाना है कि हर रास्ता सही नहीं होता है
मुझे खुद पर गर्व था कि मेरा कोई कर्म गलत नहीं होगा
सच पूछो तो अब ये जाना है कि गर्व थोड़ा ज्यादा हो तो वो घमंड ही होता है
सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
सोचने में जाने क्यों हर वक़्त खुद ही नायक होता था
अब दर्पण में देखा तो जाना कि खलनायक भी ऐसा ही होता है
मैं यही विचार करता था कि जल्द ही वो समय होगा जब हर व्यक्ति मुझसे सहायता लेगा
मुझमे छुपा शैतान ये बता ना सका कि सहायता वही लेता है जो तकलीफ में होता है
सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
मुझे हर वक़्त ये लगता था कि मेरा हर कदम सही होगा
पर अब ये मैंने जाना है कि हर रास्ता सही नहीं होता है
मुझे खुद पर गर्व था कि मेरा कोई कर्म गलत नहीं होगा
सच पूछो तो अब ये जाना है कि गर्व थोड़ा ज्यादा हो तो वो घमंड ही होता है
सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
सोचने में जाने क्यों हर वक़्त खुद ही नायक होता था
अब दर्पण में देखा तो जाना कि खलनायक भी ऐसा ही होता है
मैं यही विचार करता था कि जल्द ही वो समय होगा जब हर व्यक्ति मुझसे सहायता लेगा
मुझमे छुपा शैतान ये बता ना सका कि सहायता वही लेता है जो तकलीफ में होता है
सोचता था अक्सर मैं कि मेरे वजूत में ईश्वर होगा
पर आज एहसास हुआ कि शैतान भी छुप कर मुझमें बैठा है
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